उत्तराखंड की वित्तीय प्रबंधन की सराहना, 16वें वित्त आयोग से मिली उम्मीद की किरण

उत्तराखंड के लिए विकास की दिशा में एक बड़ी उम्मीद जगी है। हाल ही में 16वें वित्त आयोग के सदस्यों ने राज्य का दौरा किया और राज्य के वित्तीय प्रबंधन की सराहना की। आयोग की अध्यक्षता कर रहे डॉ. अरविंद पनगढि़या के नेतृत्व में आए दल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से राज्य सचिवालय में मुलाकात की, जहां मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति, वित्तीय चुनौतियों और विकासात्मक आवश्यकताओं को विस्तार से आयोग के समक्ष रखा।

 

मुख्यमंत्री धामी ने आयोग के सामने राज्य की भौगोलिक विषमताओं और सीमित संसाधनों के बावजूद किए गए वित्तीय सुधारों और योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य को विशेष वित्तीय सहायता की आवश्यकता है, ताकि विकास कार्यों में गति लाई जा सके। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में राज्य के योगदान और अपेक्षाओं पर भी जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तराखंड की 70% आबादी पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करती है, जिससे मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार तक पहुंच बनाना एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में 16वें वित्त आयोग की सिफारिशों से राज्य को बड़ी राहत और बल मिल सकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि आयोग उत्तराखंड के विकास में हरसंभव सहयोग करेगा।

 

बैठक में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया और वित्तीय प्रदर्शन से जुड़ी जानकारियां साझा कीं। आयोग के सदस्यों ने राज्य द्वारा उठाए गए कदमों को सकारात्मक बताया और भविष्य में आर्थिक विकास को लेकर रणनीतियों पर चर्चा की।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, “हमें पूरा विश्वास है कि 16वां वित्त आयोग उत्तराखंड की वित्तीय आवश्यकताओं और विकास की मांगों को ध्यान में रखते हुए सकारात्मक सिफारिशें करेगा। इससे राज्य को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा और हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘विकसित उत्तराखंड’ की दिशा में और तेज़ी से आगे बढ़ेंगे।”

 

इस बैठक को राज्य के लिए एक अहम उपलब्धि माना जा रहा है। अगर आयोग ने उत्तराखंड के पक्ष में विशेष प्रावधान किए, तो आने वाले वर्षों में राज्य के विकास कार्यों को बड़ी मजबूती मिल सकती है।

 

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