भारत ने अपनी रक्षा क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ा दिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 11 मई को लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण इकाई का उद्घाटन करेंगे. लखनऊ में बनी ब्रह्मोस मिसाइल से ना सिर्फ देश की सैन्य तैयारियों को मजबूत करेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को रक्षा उत्पादन के वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करेगी. यहां बनी ब्रह्मोस मिसाइल दूसरे देशों को भी निर्यात किया जाएगा. रक्षा मंत्री ने इसकी घोषणा रविवार को महर्षि यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में की. उन्होंने बताया कि ये परियोजना उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड का हिस्सा है, जो भारत के स्वदेशी रक्षा उत्पादन और आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूत करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी. इस मेगा प्रोजेक्ट से न केवल देश की सैन्य शक्ति में इजाफा होगा, बल्कि क्षेत्र में हजारों रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है. ये मिसाइल जमीन, समुद्र, हवा और पानी के नीचे से लॉन्च की जा सकती है और इसकी मारक क्षमता वर्तमान में 290 से 800 किलोमीटर तक है. 2.8 मैक (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) की रफ्तार के साथ, ये मिसाइल रणनीतिक रूप से भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाती है. इसका इस्तेमाल भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना द्वारा पहले से ही किया जा रहा है और इसका नेक्स्ट जनरेशन (NG) संस्करण 2026 में वायुसेना को सौंपा जाएगा, जो हल्का, छोटा और अधिक प्रभावी होगा.
लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण इकाई की आधारशिला 26 दिसंबर 2021 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में रखी गई थी. ये परियोजना डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) और ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सहयोग से संचालित हो रही है. फैक्ट्री का निर्माण कार्य तेजी से पूरा हुआ और अब ये उद्घाटन के लिए तैयार है.